Friday, June 2, 2017

कॉमेडी के लिए नौकरी छोड़ दी... इससे ज्यादा इंस्पायरिंग कुछ नहीं हो सकता




ग्राउंड ज़ीरो के सातवें एपिसोड में पढ़िए स्टैंडप कॉमेडियन अमर की कहानी। कॉमेडी की दुनिया में अमर कोई बड़ा नाम तो नहीं लेकिन एक उभरता सितारा ज़रूर है, जिसके लिए जद्दोजेहद जारी है। दिल्ली कॉमेडी सर्किट में धूम मचाने के बाद अमर अब दिल्ली से बाहर भी कॉमेडी के जलवे बिखेर रहे हैं। सोशल मीडिया पर इनके कई कॉमेडी वीडियोज वायरल हो रहे हैं। दिल्ली में कॉमेडी के शौकीन लोग अमर से बखूबी परिचित होंगे क्योंकि स्टेज पर परफॉर्म करने की इनकी एक खुद की शैली है । जो इन्हें दूसरों से अलग बनाती है । अपने पैशन को फॉलो करने के लिए अमर ने कई साल पुरानी अच्छी-खासी नौकरी को तिलांजलि दे दी जिसको लेकर घरवालों से अक्सर छत्तीस का अंकड़ा रहता है। कहते हैं लोगों को हंसाना बड़ा मुश्किल काम है लेकिन कॉमेडी का यह कर्मठ सिपाही बिना नतीजों की परवाह किए इस कठिन डगर पर निकल चुका हे क्योंकि इसे लोगों को हंसाने में मजा अता है । अमर के बारे में जानना ज़रूरी है, इसीलिए ग्राउंड ज़ीरो ने की है इसकी तहक़ीक़ात

सवाल- मूल रूप से कहां के रहने वाले हैं आप  ?

जवाब- मूल रूप से दिल्ली का रहने वाला हूं ।

सवाल- शुरुआती पढ़ाई-लिखाई के बारे में बताइए ।

जवाब- 2002 में बी. कॉम पूरा करने के बाद एक कंपनी में नौकरी की । लगभग 4 साल नौकरी करने के बाद 2008 में एमबीए किया । नौकरी का सिलसिला फिर से शुरु हुआ और यह तकरीबन 7 साल चला ।

सवाल- एक बड़ी कंपनी में अच्छी-खासी नौकरी छोड़कर स्टैंडप कॉमेडी में करियर बनाने का ख्याल कैसे अया ?

जवाब- एडवरटाइजिंग एजेंसी में काम करने के दौरान मेरे एक दोस्त ने मुझे Open mic comedy के बारे में बताया । वो मुझे दिल्ली के कुछ रेस्टोरेंट और पब में ले गया जहां रेगुलर तरीके से Open mic comedy के शोज होते रहते हैं । जॉब के अलावा जो भी वक्त बचता मैं Open mic जाता, चीजों को अब्जर्व करने की कोशिश करता, परफॉर्म करने वाले कॉमेडियन से मिलता। मेरा भी इंट्रस्ट बढ़ने लगा । मुझे भी परफॉर्म करने के लिए स्पॉट मिलने लगे । कॉमेडी के जरिए लोगों को हंसाने की कोशिश करता, दर्शकों को ताली बजाता देख मेरा उत्साह बढ़ने लगा । इस तरह से मेरे स्टैंडप कॉमेडियन बनने की शुरुआत हुई ।



सवाल- जॉब और कॉमेडी दोनों एक साथ कैसे मैनेज करते थे ?

जवाब- दोनों एक साथ मैनेज करना वाकई बहुत मुश्किल था क्योंकि कॉमेडी के सेट लिखने के लिए वक्त चाहिए और मानसिक रुप से भी तैयार होना पड़ता है । जॉब करने के साथ कहीं-न-कहीं जितना वक्त मुझे कॉमेडी को देना चाहिए वो नहीं दे पा रहा था । कई बार स्पॉट मिलने के बावजूद उसे केंसिल करना पड़ता जिसकी वजह से आगे के शो में स्पॉट न मिलने का खतरा मंडराने लगता। जद्दोजेहद का एक लंबा सिलसिला चला, आखिरकार मैंने नौकरी छोड़ने का फैसला किया क्योंकि मुझे वो करना था जो मैं दिल से करना चाहता था । कॉमेडी करना, लोगों को हंसाना मुझे अच्छा लगता था भले ही इसके बदले मुझे पैसा मिले या न मिले । इसलिए जनवरी 2015 में मैंने नौकरी से इस्तीफा दे दिया और पूरी तरीके से स्टैंडप कॉमेडी करने लगा ।

सवाल- नौकरी छोड़ने के बाद घरवालों का क्या रिएक्शन था ?

जवाब- घरवालों को कॉमेडी बिल्कुल पसंद नहीं इसलिए वो नहीं चाहते थे कि मैं नौकरी छोडूं । नौकरी छोड़ने के बाद घरवाले काफी नाराज हो गए। नाराजगी का यह सिलसिला अभी भी जारी है लेकिन मुझे उम्मीद है सफलता मिलने के साथ ही धीरे-धीरे सबकुछ सही हो जाएगा ।

सवाल- एक कॉमेडियन की लाइफ बाकी लोगों से कैसे अलग होती है ?

जवाब- एक कॉमेडियन हमेशा विचारों से भरा होता है, उसके दिमाग में कई कॉन्सेप्ट चल रहे होते हैं। क्योंकि उसे हमारे असपास हो रही छोटी-छोटी गतिविधियों को ब्जर्व करना होता है ताकि उसे कॉमेडी के लिए मसाला मिल सके । कई बार असानी से जोक्स नहीं बनते, कई दिन लग जाते हैं, से में कभी-कभी गुस्सा भी आता है लेकिन फिर भी हमें उन कॉन्सेप्ट पर काम करना होता है । कई बार अचानक दिमाग में कोई अइडिया आया तो उसे नोट करना पड़ता है ताकि स्किप न हो जाए। लोगों की नज़र में हम कोई काम नहीं कर रहे होते लेकिन हमारा काम साइलेंटली जारी होता है । जोक्स तैयार करने के बाद उसकी रिहर्सल करनी पड़ती है ताकि उसमें परफेक्शन लाया जा सके । पब्लिक शोज से पहले open mic में नए जोक्स को टेस्ट करना पड़ता है कि उस पर लाफ्टर आ रहा है कि नहीं । कई बार जोक्स अच्छे होते हैं लेकिन दर्शक आपकी बॉडी लैंग्वेज नहीं पसंद करता तो कॉमेडियन नकार दिया जाता है । इन सब चीजों का खासा ख्याल रखना पड़ता है ।



सवाल- स्टेज फ्राइट के बारे में क्या कहना है आपका ? इतने शो करने के बाद भी क्या आपको स्टेज से डर लगता है ?

जवाब- देखिए स्टेज फ्राइट को लेकर सबका अलग-अलग नज़रिया हो सकता है, लेकिन मेरा यह मानना है कि स्टेज फ्राइट कभी जा ही नहीं सकता। हां उसका लेवल कम हो सकता है। लगातार परफॉर्म करते रहने से दर्शकों से केमिस्ट्री अच्छी बनने लगती है तो डर कम होने लगता है । लेकिन स्टेज पर जाने से पहले डर तो लगता ही है ।

सवाल- आपके फेवरिट कॉमेडियन कौन हैं ?

जवाब- इंटरनेशनल कॉमेडियन की बात करें तो जॉर्ज कॉलिन्स की कॉमेडी मुझे बहुत पसंद है । इंडियंस की बात करें तो वीर दास और पापा सीजे मेरे फेवरिट कॉमेडियन हैं ।

सवाल- हमनें सुना है कि आपको लिखने का भी शौक है  ?

जवाब- जी हां बिल्कुल सही सुना है आपने, कॉमेडी के बाद मुझे राइटिंग से बड़ा प्यार है। लिखना मुझे बहुत पसंद है । शायद आपको मालूम हो मैंने अभी तक चार किताबें लिखी हैं । जो कि बहुत ही जल्द पब्लिश होने वाली हैं।

सवाल- अब तक कितने कॉमेडी शोज कर चुके हैं ?

जवाब- दिल्ली और दिल्ली से बाहर पब्लिक शो की बात करें तो 50 से ज्यादा शो कर चुका हूं। Open mic के तो बहुत शो कर चुका हूं।



सवाल- फ्यूचर को लेकर क्या खास प्लानिंग तैयार की है ?

जवाब-  फ्यूचर को लेकर मैं कोई खास प्लानिंग नहीं बनाता । बस लोगों को हंसाते रहना चाहता हूं और मेरी ज़िंदगी का मकसद है- Entertain the people and Inspire the people.

सवाल- अगर कोई आपसे संपर्क करना चाहे तो कैसे करे ?

जवाब- फेसबुक पर Amarocks Singh Zing नाम से मौजूद हूं । वहां जाकर मुझे फॉलो कर सकते हैं । Youtube पर मेरे वीडियोज देख सकते हैं । फिलहाल एक लिंक नीचे दे रहा हूं...

https://www.youtube.com/watch?v=zDeEY7Atazo&feature=share



सवाल- ग्राउंड ज़ीरो के बारे में क्या कहना है ?

जवाब- यह बहुत ही अच्छी मुहिम है, बढ़िया प्लेटफॉर्म है, जिसके जरिए इंस्पायर करने वाली स्टोरीज लोगों के सामने आ रही हैं ।   

(ग्राउंड ज़ीरो के अगले एपिसोड में पढ़िए मिसाल कायम करने वाले एक और धमाकेदार शख्स का इंटरव्यू, जो होगा हमारे और आपके बीच का )

(अगर आपके पास भी है किसी से शख्स की कहानी जिसने किया है सोचने पर मजबूर। वो आप खुद भी हो सकते हैं, आपका कोई जानने वाला हो सकता हैं, आपका कोई दोस्त या रिश्तेदार भी हो सकता है। तो आप हमें बताइए। हम करेंगे ग्राउंड ज़ीरो से पड़ताल और छापेंगे उसकी मिसालभरी दास्तां। देखेंगे दुनिया उसकी नज़र से। )  

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